छतरपुर / हरपाल कॉलेज के प्राचार्य को 16 साल की जेल, पैसे लेकर बदली थीं 361 कॉपियां



नौगांव के शासकीय नवीन पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नवरत्न प्रकाश निरंजन को पंचम अपर सत्र न्यायधीश आरएन शाक्य की अदालत ने 16 साल कठोर कैद और 2.10 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। दोषी प्राचार्य को जेल भी भेज दिया गया है। अदालत ने निरंजन को हरपालपुर कॉलेज में प्राचार्य रहते हुए छात्रों से रुपए लेकर मूल उत्तर पुस्तिका बदलने के मामले में दोषी पाया है। अदालत ने प्राचार्य को तीन धाराओं में दोषी पाते हुए अलग-अलग सजाएं सुनाई हैं। एडवोकेट विवेक जैन के अनुसार अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा है कि दोषी को तीनों सजाओं को अलग-अलग पूरा करना होगा।





2007 का मामला... नंबर मिलान न होने से हुआ खुलासा


शासकीय राजा हरपाल सिंह कॉलेज हरपालपुर में प्राचार्य के पद पर रहते हुए डाॅ. निरंजन ने 2007 में हुई सागर यूनिवर्सिटी की परीक्षा में छात्रों को पास कराने के एवज में उनसे रुपए लिए थे और मूल उत्तर पुस्तिकाएं बदलकर दूसरी उत्तर पुस्तिकाएं यूनिवर्सिटी में जांच के लिए भेज दी थीं। परीक्षा हस्ताक्षर की शीट में दर्ज उत्तर पुस्तिकाओं के नंबर और मुख्य उत्तर पुस्तिकाओं के नंबर का मिलान न होने पर गड़बड़ी सामने आई थी। इसके बाद सागर यूनिवर्सिटी ने मामले की जांच कराई और वर्ष 2008 में तत्कालीन परीक्षा कुलसचिव डॉ. सुभाष चन्द्र राय ने थाना हरपालपुर में मामला दर्ज कराया था। जांच समिति ने बीएससी, बीए और एमए की 15 कक्षाओं की परीक्षा में 361 पुस्तिकाओं में हेराफेरी पाई थी।



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